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विश्व हिंदी दिवस

विश्व हिंदी दिवस को मनाने का उद्देश्य हिंदी के प्रति जागरुकता और इस भाषा को अंतरराष्ट्रीय रूप से और मजबूत करना है. इस दिन विश्वे हिंदी दिवस के मौके पर दुनियाभर में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. नागपुर में 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन किया था.

1975 से भारत, मॉरीशस, यूनाइटेड किंगडम, त्रिनिदाद और टोबैगो, संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे विभिन्न देशों में विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया गया है. आपको बता दें, विश्व हिंदी दिवस पहली बार 10 जनवरी, 2006 को मनाया गया था. तब से यह हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है. भारत की कौन सी राष्ट्रभाषा चुनी जाएगी ये मुद्दा काफी अहम था. काफी सोच विचार के बाद हिंदी और अंग्रेजी को नए राष्ट्र की भाषा चुना गया. संविधान सभा ने देवनागरी लिपी में लिखी हिन्दी को अंग्रजों के साथ राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया था. 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से निर्णय लिया कि हिंदी ही भारत की राजभाषा होगी. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा कि इस दिन के महत्व देखते हुए हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाए. बता दें, पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 में मनाया गया था.

विश्व हिंदी दिवस को मानने का उद्देश्य हिंदी भाषा को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देना है. ताकि दुनिया का हर देश इस भाषा से रूबरू हो सके. 10 जनवरी 2006 तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने इस दिन को प्रति वर्ष विश्व हिंदी दिवस के रूप मनाए जाने की घोषणा की थी.

संजीव वेलणकर
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श्री. संजीव वेलणकर हे पुणे येथील केटरिंग व्यवसायिक असून ते विविध विषयांवर सोशल मिडियामध्ये लेखन करतात. ते १०० हून जास्त WhatsApp ग्रुप्सचे Admin आहेत. संगीत, आरोग्य, व्यक्तिचित्रे, पाककृती व इतर दिन विशेष या विषयांवर फेसबुकवर ही ते नियमितपणे लेखन करत असतात.
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