अब भी जोश मेरे सीनेमे है बाकी
भले दुष्मनने गोलीया चलाई है
दुष्मनने पीठपे गोली चलाई है
मेरा सीना तो अबभी खाली है ।
दुष्मनकी गोलीमे वो ताकत कहाँ
जो मेरे सीनेके पार हो जाये
ये तो बस अपनोेकी बेवफाई है
जो सिनेपे नही पिठपे वार करते है ।
ना निराश हूँ ना ऊम्मीद खोई है
पीठपर वार करनेवालो संभालो
आपको खत्म करनेकी कसम अब
भारत माँ के हर सपूतोने खाई है ।
फिरसे खिलेगा मौसम यहाँका
और फिरसे गुंज ऊठेगी गलीयाँ
फिरसे जगमगायेगा हिमाचल
और खिलेंगी काश्मीरकी कलियाँ ।
सुरेश काळे
मो. 9860307752
सातारा
२८ सप्टेंबर २०१८