जैव खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा प्रयत्न करने की आवश्यकता है | कीटनाशक कंपनी के मालक श्राफ जो “सत्यमेव जयते” के एपिसोड में बोले, १०० प्रतिशत अप्रमाणिक थे | अपनी कंपनी का टर्न ओव्हर बचाने के लिए, उनको गलत बोलना पडा, उनकी आगतिकता हम समज सकते है | यह उनके, बार-बार पानी पिने से ही पता चल रहा था, ओर इसे सारा भारत देख रहा था | कीटनाशक बेचनेवाले यह श्राफ के घरवालेही, कपास के जैव उत्पाद विदेशों में बेचकर भारी मुनाफा कमा रहे हैं |एशिया का सबसे ज्यादा निर्यात होनेवाला जैव कपास, श्राफ के भाई विदेशो में बेचते है, जो गुजरात के रहनेवाले है |जैवखेती यह आज भारत के उन्नति के लिये एक अवसर है | बिना कीटनाशकोंके सबसे अच्छी खेती की जा सकती है | हमारे गाव कस्बों में रहनेवाले किसानो को जैवखेती सम्बन्धी खूबसारी जानकारी है, जो इकट्टा करने की आवश्यकता है |मै एक शिक्षक हू, मैंने मावा इस रोग के किटोंको भगाने या खा जाने वाली मित्रकीड़ी की, दो साल पूर्व पहचान की है | जो किसी भी महंगे से महंगे कीटनाशकों से ज्यादा कारगर है |यह मित्रकीड़ी फसल पर आनेवाले मावाकीड़ी को खाकर उड़ जाती हैं | मावा यह कीड़ी फसलों के फूलों पर आती है, ओर उपज को बुरी तरह प्रभावित करती है | इस मित्रकीड़ी के अंडीपुंज को इकट्टा करने की, तकनीक में संशोधन करने कीआवश्यकता है | बाद में इन अंडीपुंज को आसानी से जैवकीटनाशक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है |इस मित्रकीड़ी की तस्वीरे भी मै इस लेख के साथ इसलिए दे रहा हू, की कोई होनहार संशोधक इसपर ध्यान केंद्रित कर किसानो को,
— नरेंद्र श्रावणजी लोहबरे उर्फ नरेश
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